सेक्‍स पावर बढ़ाने में इस्‍तेमाल होने वाले सांप के साथ तस्‍कर पकड़ा

सेक्‍स पावर बढ़ाने में इस्‍तेमाल होने वाले सांप के साथ तस्‍कर पकड़ा

सांकेतिक तस्‍वीर

एक दुर्लभ प्रजाति के सांप का सौदा करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया गया है। इसकी पहचान जय प्रकाश शर्मा के तौर पर हुई है, जो दिल्‍ली के रोहिणी सेक्टर-16 का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के पास से एक 'सैंड बोआ' सांप बरामद किया है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस 'सैंड बोआ' सांप का सौदा शिवा मार्केट बस स्टैंड के पास होने की सूचना मिली। इसके आधार पर आरोपी को बस स्टॉप के करीब से दबोच लिया। इस सांप का इस्तेमाल सेक्स पावर बढ़ाने, नशीली चीजों, महंगे परफ्यूम बनाने और कैंसर के इलाज में भी विदेशों में किया जाता है। इंटरनैशनल मार्केट में इस सांप की कीमत तीन करोड़ से भी ज्यादा बताई गई है। आइए आज आपको इस सांप के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं...

सैंड बोआ नाम क्यों?यह सांप बालू के नीचे छिपा रहता है, इस वजह से इसका नाम सैंड बोआ पड़ा है। अनाकोंडा की तरह उसकी आंखें उसके सिर पर होती हैं। वह बालू में इस तरह छिप जाता है कि उसका सिर सिर्फ बालू के बाहर नजर आता है। इस तरह जैसे ही शिकार करीब आता है, यह उस पर हमला कर देता है। इसको पालतू भी बनाकर रखा जा सकता है। एक छोटे से टैंक में बालू की एक परत बिछाकर उसके नीचे इसे रखा जा सकता है। इसको गर्म रखने के लिए पास में एक छोटा हीट पैड या छोटा हीट लैंप रखा जा सकता है।

प्रजनन का माध्यम
सैंड बोआ में प्रजनन का माध्यम मादा द्वारा बच्चे को जन्म देने से होता है। पैदा होते समय एक सांप की लंबाई आठ से दस ईंच होती है। उनके प्रजनन का समय पतझड़ और ठंड के मौसम में होता है और बच्चे का जन्म बसंत के मौसम से लेकर गर्मी के मौसम तक में होता है। बेबी सैंड बोआ छोटे चूहों को अपना शिकार बनाता है।

कहां पाया जाता है?
इस सांप की अलग-अलग प्रजाति अलग क्षेत्रों में पाई जाती है। एक प्रजाति उत्तरी अमेरिका में मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तट पर पाई जाती है। एक प्रजाति यूरोपी, उत्तरी अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्से में पाई जाती है। एक प्रजाति मुख्य रूप से अफ्रीका और भारत में पाई जाती है।

क्या खाते हैं सैंड बोआ?
सभी सापों की तरह सैंड बोआ भी मांसाहारी होते हैं। वे जानवरों का शिकार करे हैं। इनके रहने के स्थान के आधार पर इनके शिकार अलग-अलग होते हैं। वैसे ज्यादातर सैंड बोआ चूहे, छिपकली, मेढक, खरगोश आदि को अपना शिकार बनाते हैं।

कैसे करता है शिकार?
सैंड बोआ बालू के नीचे छिपकर अपने शिकार का इंतजार करता है। जब शिकार उसकी रेंज में पहुंचता है तो वह उस पर अपने धारदार दांत से हमला करता है। जब तक उसका शिकार बेहोश नहीं हो जाता, तब तक वह उसका खून चूसता रहता है।

कई बीमारियों के इलाज में असरदार
इस सांप इस्तेमाल कैंसर के इलाज और सेक्स पावर बढ़ाने में किया जाता है। माना जाता है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी लिंग में उत्तेजना पैदा न होने की समस्या को दूर करने में भी यह काफी कारगर है। इसके अलावा दवा और जोड़ों के दर्द की दवा बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। वहीं मलयेशिया में इससे जुड़ा एक अंधविश्वास है। लोग मानते हैं कि लाल बोआ किसी इंसान की किस्मत चमका देता है। इसके स्किन का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स और पर्स, हैंडबैग एवं जैकेट बनाने में भी होता है।

(नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से साभार)

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